घर घुसकर पति-पत्नी और बेटे पर जानलेवा हमला कर हमलावरों ने लिखाई थाने में रिपोर्ट, पुलिस कर रही मामले की जांच

The attackers entered the house and fatally attacked the husband wife and son and wrote a report in the police station the police is investigating the matter

घर घुसकर पति-पत्नी और बेटे पर जानलेवा हमला कर हमलावरों ने लिखाई थाने में रिपोर्ट, पुलिस कर रही मामले की जांच

सारंगढ़ : सारंगढ़ के कोसीर थाना के अंतर्गत आने वाले ग्राम लेंधरा छोटे में 3 अगस्त की शाम करीब 7:30 बजे पीड़िता रामकुमारी अपने परिवार के लिए खाना बना रही थी. तभी उसे बाहर कुछ आवाज़ सुनाई दी. पीड़िता ने दरवाजा खोल के देखा तो भगवानो निषाद कुल्हाड़ी से उनके बादाम पेड़ को काट रहा था. पीड़िता के मुताबिक वो शराब के नशे मे चूर था. इससे पहले भी भगवानो और उसका परिवार कई दफा उनसे झगड़ा और गाली गलाौच कर चुके थे. विवाद और ना बढ़े इसलिए झगड़ा के डर से अकेली रामप्यारी घर वापिस आकर दरवाजा बंद करने वाली थी तभी भगवानो निषाद, लक्ष्मण, झूलुप राम, उमेश, दिलेशवर और अन्य ने घर घुसकर जान से मार देंगे कहते हुए लाठी डंडे से शिवकुमार और राम प्यारी पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. उनका बेटा बचाने गया तो सबने मिलकर उसकी भी पिटाई कर दी.
किसी तरह पति पत्नी को 112 की मदद से सारंगढ़ जिला अस्पताल लाया गया. सारंगढ़ मे चोट की गंभीरता को देखते हुए रात करीब 2 बजे एम्बुलेंस के जरिए रामप्यारी और शिव प्रसाद को मेडिकल कॉलेज रायगढ़ रिफर किया गया. जहां 4 से 8 तक दोनो एडमिट थे.
शिव प्रसाद और रामप्यारी दोनो जिंदगी और मौत से जुझ रहे थे. उनका बेटा युगल भी चोट ग्रस्त था. उनकी एक बेटी है जिसकी शादी कुछ महीनो पहले हुई थी. ऐसी हालत में जब कोई परिवारिक सदस्य ही ना बचे तो व्यक्ति सबसे पहले जान बचाने की ही सोचेगा और बेटी अन्नू निषाद ने भी वही किया. अपने माता पिता को लेकर आधी रात मेडिकल कॉलेज पहुंची जहां चक्रधर नगर पुलिस जांच करने पहुंची थी. जिसे मामले के बारे मे परिजनों द्वारा बताया गया और अस्पताल से ही कोसीर थाना प्रभारी को फोन के जरिए पीड़िता की बेटी अन्नू निषाद द्वारा घटना की शिकायत की गई थी. अस्पताल से 8 अगस्त को घर वापसी के बाद 9 अगस्त को पीड़ितों द्वारा थाने मे मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई.
पीड़ित ने कोसीर थाने मे जुर्म कायम कराया तो पुलिस वालों ने उनसे सारंगढ़ अस्पताल से रायगढ़ मेडिकल कॉलेज रिफर का कागज़ मांगा तो पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्हे सारंगढ़ अस्पताल से कोई रिफर कागज नही दिया गया था. जो भी कागजात था एम्बुलेंस के ड्राइवर भैया को दिया गया था. उन एम्बुलेंस वाले भैया ने उन्हे सारंगढ़ से रायगढ़ मेडिकल कॉलेज तक छोड़ा. ऐसे मे कोसीर पुलिस पीड़ितों को लेकर पूछताछ के लिए सारंगढ़ अस्पताल लेकर आई.
ऐसे में सवाल उठना वाज़िब है कि जानलेवा मारपीट जैसे संगीन मामले में जब मरीज की गंभीरता को देखते हुए उन्हे सारंगढ़ से रायगढ़ रिफर किया जाता है तब भी पीड़ित परिजनों को कोई दस्तावेज ना देना सारंगढ़ अस्पताल की गैर जिम्मेदाराना रवैया को दर्शाता है!
सुत्रो के मुताबिक 3 अगस्त को शिवकुमार के घर में घुसकर मारपीट करने वाले तथाकथित लोगों ने भी मामले में खुद को फंसता देख, और शिवकुमार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे भर्ती होने की जानकारी मिलने पर 6 अगस्त को शिवकुमार परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है.
और जब पीड़ित अस्पताल से छुट्टी पाकर कानून की शरण मे इंसाफ की गुहार लगाने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने गये तो उनके होश उड़ गए. जब थाने मे बताया गया कि जिन लोगों को सजा दिलाने वो थाने पहुंचे हैं. वो उनके अस्पताल से आने से पहले ही उल्टा उनके खिलाफ एफ आई आर करा बैठे हैँ.
थाना प्रभारी तिवारी - मै आदिवासी दिवस रैली के ड्यूटी मे हूं, जाकर पूरे मामले की जानकारी लेता हूं. कानून सदैव निर्दोष की रक्षा और गुनहगारों को सज़ा देने के लिए प्रतिबद्ध है. जांच उपरांत दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई होगी.
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