karva chauth fast : आज सुहागिन महिलाएं रखेंगी करवा चौथ का निर्जला व्रत, जानें पूजा की शुभ मुहूर्त

karva chauth fast :  पंचांग के अनुसार आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है और इस पावन तिथि को हिंदू धर्म में करवा चौथ या फिर करक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.

karva chauth fast : आज सुहागिन महिलाएं रखेंगी करवा चौथ का निर्जला व्रत, जानें पूजा की शुभ मुहूर्त

karva chauth fast :  पंचांग के अनुसार आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है और इस पावन तिथि को हिंदू धर्म में करवा चौथ या फिर करक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. आज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य की कामना लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रोदय के समय चंद्रमा की पूजा करने बाद इस व्रत को खोलती हैं.

हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन करवा माता के साथ भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है. करवा चौथ मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मुख्य रूप से मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि आज कब और किस विधि से इस व्रत करने पर पुण्यफल की प्राप्ति होगी.

करवा चौथ 2023 पूजन मुहूर्त और तिथि

31 अक्टूबर को चतुर्थी तिथि रात 09 बजकर 30 मिनट से आरंभ होगी और 01 नवंबर को रात 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। 01 नवंबर को करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त: सायं 05: 36 मिनट से सायं 06 : 54 मिनट तक
पूजन की कुल अवधि: 01 घंटा 18 मिन

करवा चौथ व्रत का समय 2023

पंचांग के अनुसार, करवा चौथ व्रत 01 नवंबर को प्रातः 06: 33 मिनट से आरंभ होकर चंद्रोदय तक रखा जाएगा। व्रत की कुल अवधि 13 घंटे 42 मिनट की है। ध्यान रहे कि करवा चौथ का व्रत चंद्रदर्शन के बाद उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही पारण किया जाता है।

करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय

करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय रात 08 बजकर 15 मिनट है। अलग-अलग शहरों में चंद्रदर्शन का समय अलग हो सकता है।

करवा चौथ व्रत में होती है किसकी पूजा

करवा चौथ में भगवान गणेश के साथ भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इसके अलावा करवा मां और चंद्रमा की आराधना की जाती है। चंद्रमा निकालने पर उनके दर्शन करके उन्हें अर्घ्य दिया जाता है और फिर अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोला जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।