बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा सुनकर लौट रहे एक ही परिवार के 7 लोगों ने कार में की खुदकुशी, आखिर क्यों हार रही जिंदगी? आर्थिक मंदी बनी वजह!

7 members of the same family who were returning after listening to Hanuman Katha of Bageshwar Dham committed suicide in the car, why did they lose their lives? Economic recession was the reason!

बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा सुनकर लौट रहे एक ही परिवार के 7 लोगों ने कार में की खुदकुशी, आखिर क्यों हार रही जिंदगी? आर्थिक मंदी बनी वजह!

पंचकुला/देहरादून : हरियाणा के पंचकुला में सोमवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. जहां देहरादून से आए एक ही परिवार के सात लोगों ने जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली. मृतकों में परिवार के मुखिया प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी, माता-पिता और तीन मासूम बच्चे शामिल हैं. यह परिवार बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में शामिल होने के बाद लौट रहा था. जब यह दर्दनाक कदम उठाया गया.
घटना पंचकुला के सेक्टर-27 में एक मकान के सामने खड़ी हुंडई ऑरा कार में हुई. स्थानीय लोगों को शक हुआ जब कार काफी देर से वहीं खड़ी दिखी और अंदर कोई हलचल नहीं थी. पुलिस को खबर दी गई और जब कार का दरवाजा खोला गया. तो अंदर का मंजर देख सभी सन्न रह गए. कार की पिछली सीट और फर्श पर सातों लोग बेसुध पड़े थे.
पुलिस को कार से एक सुसाइड नोट मिला है. जिसमें साफ लिखा है कि परिवार भारी कर्ज और आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. मित्तल परिवार देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबारी करता था. लेकिन बताया जा रहा है कि महामारी और बाजार में आई मंदी के बाद से वे बुरी तरह से कर्ज में डूब गए थे.
परिवार हाल ही में पंचकुला में आयोजित बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में भाग लेने आया था. धार्मिक आस्था के सहारे शायद वे मानसिक शांति की तलाश में थे. लेकिन लौटते वक्त उन्होंने यह भयावह फैसला ले लिया.
पंचकुला पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरु कर दी है. सुसाइड नोट के आधार पर कर्जदाताओं और वित्तीय लेन-देन की भी गहन जांच की जा रही है. पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि कहीं परिवार पर किसी तरह का दबाव तो नहीं था.
जिस कार में ये लाशें मिलीं वह कार प्रवीन मित्तल के दोस्त गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत थी. जब पुलिस ने गंभीर से पूछताछ की तो नेगी ने बताया कि वह प्रवीण को एक NGO के जरिए से जानते थे. प्रवीण को बैंक से लोन नहीं मिल पा रहा था क्योंकि उसका क्रेडिट रिकॉर्ड खराब था. दोस्ती के नाते नेगी ने अपने नाम पर कार फाइनेंस करवाई थी. जिसे प्रवीण ही चला रहे थे.
प्रवीण मित्तल के ममेरे भाई संदीप अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि, प्रवीण ने पंचकूला में 12 साल पहले एक स्क्रैप की फैक्ट्री शुरु की थी. बाद में उन्हें इस कारोबार में घाटा हो गया और 20 करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज हो गया था. हालत ऐसी बनी कि कर्ज ना लौटाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी तक मिलने लगी थी. ऐसे में वह परिवार सहित चुपचाप देहरादून शिफ्ट हो गए. संदीप अग्रवाल के मुताबिक 5 साल देहरादून रहने के दौरान उन्होंने किसी से भी संपर्क नहीं किया. फिर तीन साल पहले अचानक लौट आए और मोहाली के खरड़ में रहने लगे. उनके लौटने के बाद एक बार फिर से लोग कर्ज वापसी के लिए दबाव बनाने लगे थे. प्रवीण पर कथित तौर पर लाखों का कर्ज था. जिससे उबरना उनके लिए असंभव होता जा रहा था. शायद यही वजह है कि प्रवीण ने परिवार समेत खुदकुशी कर ली.
मृतकों में प्रवीण मित्तल उम्र 42 साल, उनके माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे (दो बेटियां और एक बेटा) शामिल हैं. शवों को पोस्टमार्टम के लिए पंचकूला के एक निजी अस्पताल में भेज दिया गया.
मृतक प्रवीण मित्तल के मामा के बेटे संदीप अग्रवाल ने इंडिया टुडे ग्रुप को बताया कि मित्तल के परिवार पर कुल 20 करोड़ रुपये का कर्ज था. उसने बताया कि कर्ज नहीं चुकाने के कारण उनके परिवार को मौत की धमकियां दी जा रही थीं.
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