आदिवासी कमार गर्भवती महिला के नवजात शिशु की मौत, जांच एवं कार्यवाही मे देरी क्यों? लीपा पोती का खेला!, कब मिलेगा पीड़िता को इंसाफ?

Death of newborn baby of Adivasi Kamar pregnant woman why delay in investigation and action Granddaughters cover up when will the victim get justice

आदिवासी कमार गर्भवती महिला के नवजात शिशु की मौत, जांच एवं कार्यवाही मे देरी क्यों? लीपा पोती का खेला!, कब मिलेगा पीड़िता को इंसाफ?

गरियाबंद/छुरा : गरियाबंद जिले में छुरा में घटी बहुचर्चीत घटना छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल छुरा मे 21 अगस्त 2024 दिन बुधवार को आदिवासी कमार गर्भवती महिला नीरा बाई कमार इलाज के लिए आई. वहा के डॉक्टर द्वारा गर्भवती महिला का इलाज के नाम पर इंजेक्शन एवं बॉटल लगाकर टेबलेट, जांच कर सब नार्मल है कहकर महिला को घर भेज दिया गया.
फिर उसी रात करीब 10-12बजे बीच आदिवासी कमार गर्भवती महिला नीरा बाई क़ी पेट मे दर्द होना शुरु हो गया. फिर फिर इलाज किऐ गए छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल छुरा लाया गया. जहाँ गर्भवती महिला के पेट मे नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया गया था.
वही पीड़ित महिला एवं परिवार द्वारा हॉस्पिटल प्रबंधक की लापरवाही मानते हुए जिला प्रशासन के पास न्याय क़ी गुहार लगाई थी. लेकिन आज 14 दिन बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन की तरफ से कोई कार्यवाही नही की गई.
जांच टीम
जांच टीम का गठन तो हुआ है लेकिन आज 14 दिन बीत जाने के बाद भी जांच टीम अपनी रिपोर्ट नही सौंप पाई. आखिर इतनी देरी क्यों? कहीं लिपापोती का खेला तो नही चल रहा? आखिर इतने दिन बाद भी जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही क्यों नही क़ी गई?.
क्या वह डॉक्टर महिला रोग विशेषज्ञ है? गर्भवती महिला की इलाज करने क़ी पात्रता रखती है? 
पहली बार मरीज को किस डॉक्टर ने देखा और इलाज किया?
रात में दूसरी बार किस डॉक्टर ने देखा?
सोनोग्राफी किस डॉक्टर के द्वारा किया गया?
बच्चे को मृत किस आधार पर घोषित किया गया? और किस डॉक्टर ने किया?
मृत बच्चे का प्रसव कराने से पहले क्या प्रोटोकॉल होता है? क्या उसका पालन किया गया?
प्रसव किस डॉक्टर के द्वारा कराया गया?
पीड़िता के द्वारा बताया जा रहा है की गर्भवती महिला का इलाज और सोनोग्राफी वहा के संचालक ने किया जो की डिग्रीधारी नही है. क्या पीसीपीएनडीटी और नर्सिंग होम एक्ट के नियमों का पालन किया गया? 
 जिला चिकित्सा अधिकारी गरियाबंद
गरियाबंद जिला चिकित्सा अधिकारी गार्गी यदु ने खा कि जांच के लिए एक हफ्ते का समय तो लगता है. जांच टीम गठन हुआ है. जांच टीम क़ी रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्यवाही क़ी जाएगी.
इस मामले पर पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल नें कहा कि पीड़िता को इंसाफ नही मिलने पर धरना प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन किया जायेगा. अमितेश शुक्ल पूर्व मंत्री
बिंद्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव नें  स्वास्थ्य मंत्री से मुलाक़ात कर लिखित रुप से शिकायत की है. साथ ही कहा कि अगर इस मामले मे पीड़िता को इंसाफ नही मिलता तो सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई लड़ी जाएगी. प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन किया जाएगा. बिंद्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव
आदिवासी कमार गर्भवती महिला के नवजात शिशु की मौत के मामले पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कहा कि निश्चित ही हॉस्पिटल प्रबंधक से लापरवाही हुई है. सभी बिन्दुओ में जांच होनी चाहिए. कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए. हर सम्भव पीड़िता क़ी मदद क़ी जाएगी. अगर इंसाफ नही मिला तो निश्चित ही प्रदर्शन कर आंदोलन किया जाएगा. उपाध्यक्ष जिला पंचायत गरियाबंद, सामाजिक युवा नेता संजय नेताम
आखिर देरी क्यों कब मिलेगा पीड़िता को न्याय
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