हजारों की खरीदी कर दुकान में फोन पे स्कैनर का झांसा देकर की ठगी, नवापारा के लोकेश सिंह बंजारे और प्रिया पाण्डेय गिरफ्तार

Lokesh Singh Banjare and Priya Pandey of Nawapara arrested for cheating in the shop after buying thousands of rupees on the phone by pretending to have a scanner

हजारों की खरीदी कर दुकान में फोन पे स्कैनर का झांसा देकर की ठगी, नवापारा के लोकेश सिंह बंजारे और प्रिया पाण्डेय गिरफ्तार

रायपुर : सिविल लाइंस पुलिस ने फोन पे स्कैनर पर भुगतान का झांसा देकर ठगी करने वाले गोबरा नवापारा निवासी पति-पत्नी को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि ये दोनों राजधानी शहर के अलग-अलग इलाकों के दुकानों में ऐसी ठगी करते रहे. वे कपड़े व सामान खरीदी कर ऑनलाईन भुगतान का फर्जी स्क्रीनशॉट दिखाकर रवाना हो जाते थे. मंगलवार को दोनों ने शाशा स्टोर्स और यूनिक कलेक्शन नाम के  कपड़े की दुकान में ठगी की ‌थी. उनसे खरीदे गए कपड़े और अन्य सामान कीमत 15,000/- रुपये जब्त कर लिए गए.
शाशा स्टोर्स के संचालक विष्णु प्रसाद साहू ने रिपोर्ट दर्ज कराया था। कि 3 सितंबर को दुकान में लोकेश सिंह बंजारे और प्रिया पाण्डे नामक ग्राहक कपड़ा खरीदने आए थे. जो जींस पैंट, शर्ट, टीशर्ट, कारगो पैन्ट इत्यादि कपड़े खरीदने के बाद 7,300/- रुपए का भुगतान फोन पे कर स्क्रीनशॉट दिखाया. लेकिन रकम इसके एकाउंट में नही आया.
कुछ दिनो बाद जानकारी मिली कि इन लोगो के द्वारा इसी तरह से यूनिक कलेक्शन शॉप से भी 6400 रुपये की धोखाधड़ी की थी. सिविल लाईन पुलिस ने धारा 318(4) बी.एन.एस. दर्ज कर  पड़ताल करते हुए लोकेश सिंह बंजारे और प्रिया पाण्डेय को पकड़ा. पूछताछ में धोखाधड़ी कबुल किया.
आरोपी :-
लोकेश सिंह बंजारे पिता अजय सिंह बंजारे उम्र 26 साल
प्रिया पाण्डेय पति लोकेश सिंह बंजारे उम्र 25 साल
पता बगदईपारा तर्री रोड, गोबरानवापारा, जिला रायपुर
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फर्जी पेमेंट गेटवे से हो रही ठगी व्यापारी सावधान रहें. ठगी का यह तरीका पुराना है. लेकिन जागरुकता की कमी की वजह से व्यापारीगण आज भी इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे है. आज के इस दौर में आनलाइन लेनदेन को सुविधा जनक बनाने के लिए व्यापारी, बैंक और ग्राहक के बीच एक तीसरा प्लेटफार्म विकसित किया गया है. जो की एक तरह का ई कॉमर्स सॉफ्टवेयर है. जिसे पेमेंट गेटवे कहा जाता है.
मार्केट में आज की स्थिति में करीब 20 पेमेंट गेटवे उपलब्ध है. जैसे पेटीएम, पे यू, गूगल पे, फोन पे, मोविक्विक, बिल्डेक्स, ई पैसा, रेजर पे, इत्यादि. ठग व्यापारियों को ठगने के लिए आजकल फर्जी पेमेंट गेटवे का उपयोग कर रहे है. वे जब भी दुकान में लेनदेन करने जाते हैं. समान खरीदने के बाद फर्जी पेमेंट गेटवे से डिलीवरी का फर्जी मेसेज बनाकर व्यापारी को दिखा देते हैं कि पैसा उन्होंने व्यापारी के खाते में ट्रांसफर कर दिया है. लेकिन ऐसा होता नहीं है. टारगेट उन दुकानों को किया जाता है. जहां भीड़ भाड़ ज्यादा होती है. फर्जी पेमेंट गेटवे, प्ले स्टोर से आसानी से इंस्टाल किया जा सकता है.
व्यापारियों को वाइस ट्रांजेक्शन मशीन का उपयोग लेन देन में करना चाहिए. मेसेज को चेक करना चाहिए। ग्राहक का डिटेल्स अपने पास जरुर रखे.
अगर ठगी का शिकार हो गए हों तो फौरन 1930 पे कॉल कर इसकी सूचना दें. गूगल पर जाकर सेंट्रल गेवरमेंट के साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल www.cyber crime. gov.in पर इसकी रिपोर्ट करें. नजदीकी थाने से संपर्क करें. सावधान रहें. सुरक्षित रहें.
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