मंडी में किसानों का शोषण, जिला सहकारी बैंक में कैश नहीं होने से किसान परेशान, किया प्रदर्शन, धान खरीदी केन्द्र में प्रबंधक की तानाशाही!

Exploitation of farmers in the market, farmers upset due to lack of cash in the district cooperative bank, farmers protested, dictatorship of the manager in the paddy procurement centre!

मंडी में किसानों का शोषण, जिला सहकारी बैंक में कैश नहीं होने से किसान परेशान, किया प्रदर्शन, धान खरीदी केन्द्र में प्रबंधक की तानाशाही!

सूरजपुर क्या सोनपुर, धान खरीदी केन्द्र में चल रही प्रबंधक की तानाशाही?

सूरजपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह जिला सूरजपुर के भैयाथान ब्लाक अंतर्गत सोनपुर धान खरीदी केंद्र में प्रबंधक द्वारा मजदूरों को काम पर नहीं लगाया गया है. परिणाम स्वरुप केंद्र में धान बेचने आ रहे किसानों को ही मजबूर होकर हम्माली करनी पड़ रही है. मजबूरीवश किसानों को अपने लाए हुए धान को खुद ही केंद्र से मिले बारदानों में धान की पलटी कर, सिलाई कर छल्ली लगाना पड़ रहा है. लेकिन जिम्मेदारों ने सब जानने के बाद भी अपनी आंखे बंद रखी हुई है.
धान खरीदी के लिए शासन द्वारा जारी किया गया दिशा निर्देश की जानकारी क्षेत्र के किसानों को नहीं होने का पूरा फायदा धान खरीदी प्रबंधक द्वारा उठाया जा रहा है. यहां प्रबंधक की तानाशाही का आलम यह है कि उपार्जन केंद्र में बारदाना और टोकन के लिए किसान घंटो इंतजार करते रहते हैं.
सोनपुर धान खरीदी केन्द्र में प्रबंधक द्वारा न तो किसानों के बैठने के लिए व्यवस्था किया है और न ही पीने के पानी की सुविधा की गई है. सोनपुर खरीदी केंद्र में इन तमाम कमियों की वजह से किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस मामले में अभी तक जिम्मेदार प्रशासन द्वारा गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
किसानों ने बताया कि सोनपुर उपार्जन केंद्र में हम किसान खुद ही मजदूर और सूजा, सुतली, तौल के लिए कांटा खुद लेकर आते हैं और यहां का सारे काम करते हैं. किसानों ने बताया ट्रेक्टर से धान उतार कर बारदाना में भरते हैं. उसके बाद खुद ही तौल करते हैं. तौल करने के बाद धान से भरे बारदाने को कंधे पर उठाकर छल्ली लगाते हैं.
प्रबंधक की चल रही तानाशाही
धान की खरीदी के लिए सोनपुर उपार्जन केंद्र में प्रबंधक वीवेक चोरसिया को लगाया गया है. लेकिन इसकी तानासाही रवैया कम नहीं दिख रहा है. जिस वजह से किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. हालत यह है कि किसानों को केंद्र में सूजा, सुतली और कांटा तक नहीं मिलता है. उपार्जन केंद्र में धान की खेप लाने वाले किसान खुद घर से सूजा, सुतली, कांटा और मजदूरों को लेकर आते हैं. और काफी मशक्कत करने के बाद केंद्र से मिले बारदाना में धान की पलटी कर सिलाई और तौल कर, लाट में छल्ली लगा रहे हैं. किसानों को कथित प्रबंधक द्वारा किसी तरह की सुविधा केन्द्र में नहीं दी जा रही है. यहाँ न तो बैठने की व्यवस्था और न ही पीने के पानी की सुविधा की गई है.
किसानों को नहीं मिल रही सुविधा
शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान क्रय विक्रय के लिए भले ही किसानों के हित में व्यवस्था बनाई गई है. ताकि धान बेचने के लिए केंद्र में आने वाले किसानों को किसी भी तरह की असुविधा न होने पाए और जिले के कलेक्टर के द्वारा भी सख्त निर्देश दिया गया है कि किसानों को खरीदी केंद्रों में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. लेकिन सोनपुर उपार्जन केंद्र में किसानों का लगातार शोषण हो रहा है. यहां किसानों को किसी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. यहां तक कि पीने का पानी तक किसानों को नहीं मिल पा रहा है. बारदाना व टोकन के लिए भी किसानों को केंद्र में घंटों इंतजार करते हुए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि धान की उपज हमारा है और बिक्री करना है. इसलिए हम लोग उपार्जन केंद्र का सारा कम मजबूरी में खुद करते हैं.
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जिला सहकारी बैंक में कैश नहीं होने से किसान परेशान, मुख्य मार्ग पर किया प्रदर्शन

कोरबा : कोरबा के जिला सहकारी बैंक में एक बार फिर से कैश की कमी हो गई. नकदी रकम नहीं होने की वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. धान खरीदी के सीजन मं जिन किसानों ने अपना धान बेचा है. उनके खातों में पैसे आ गए हैं. लेकिन बैंक में कैश की कमी होने की वजह भुगतान नहीं हो पा रहा है. पैसे नहीं होने से आक्रोशित किसानों ने पुराना बस स्टैंड स्थित मुख्य मार्ग पर जमकर प्रदर्शन किया.
धान खरीदी के दौरान कोरबा जिले के जिला सहकारी बैंक में एक बार फिर से कैश की किल्लत हो गई. नकदी रकम नहीं होने की वजह से किसानों को उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है. आलम यह है कि किसानों को कहा जा रहा है कि वे दो से तीन हजार ले जावें. नकदी नहीं होने से परेशान किसानों ने पुराना बस स्टैंड स्थित मुख्य जाम पर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया.
किसानों के प्रदर्शन से मौके पर जाम की स्थिती बन हो गई. प्रदर्शन की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत करने के प्रयास में जुट गई. हर साल नकदी की कमी से किसान जूझते है बावजूद इसके बैंक नकदी रकम की व्यवस्था नहीं करता,जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है.
किसानों के प्रदर्शन की वजह से घंटो तक मुख्य मार्ग बाधित रहा. मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लगी रही. पुलिस ने काफी देर तक किसानों को समझाया जिसके बाद जाकर कहीं प्रदर्शन खत्म हुआ.
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कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन, रसोटा मंडी में किसानों का शोषण

जांजगीर-चांपा : जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ ब्लॉक की रसोटा धान मंडी में किसानों के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है. कलेक्टर के आदेश के अनुसार 40 किलो 600 ग्राम धान की खरीद होनी चाहिए. लेकिन मंडी प्रभारी चंद्रसेन साहू किसानों से 42 किलो 120 ग्राम धान ले रहे हैं. इससे न सिर्फ किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. बल्कि मंडी की व्यवस्थाएं भी पूरी तरह चरमराई हुई हैं.
धान की हजारों बोरियां खुली जमीन पर रखी गई हैं. और नीचे छल्लियां या भूसी तक नहीं बिछाई गई. यह सरकार और कलेक्टर के आदेशों की सीधी अनदेखी है. अब सवाल उठता है कि इस लापरवाही और आदेश के उल्लंघन पर क्या कार्रवाई होगी? क्या किसानों को उनका हक मिलेगा या फिर यह मामला भी यूं ही दब जाएगा?
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