जादू टोना के शक में परिवार के 5 लोगों की बेरहमी से फिर हत्या, लाठी-डंडे से पीट-पीटकर उतारा मौत के घाट, मृतकों में 3 महिलाएं शामिल, आरोपी गिरफ्तार

5 members of the family were brutally murdered again on the suspicion of witchcraft beaten to death with sticks 3 women included in the dead accused arrested

जादू टोना के शक में परिवार के 5 लोगों की बेरहमी से फिर हत्या, लाठी-डंडे से पीट-पीटकर उतारा मौत के घाट,  मृतकों में 3 महिलाएं शामिल, आरोपी गिरफ्तार

सुकमा : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर जादू टोना के शक में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई. ग्रामीणों ने जादू-टोना के शक में एक ही परिवार के 3 महिला समेत 5 लोगों को लाठी-डंडे से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. यह पूरा मामला थाना कोंटा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम एतकल की है.
मिली जानकारी के मुताबिक कोंटा के मुरलीगुड़ा कैंप के पास इटकला गांव के ही कुछ लोगों को शक था कि मृतक परिवार के द्वारा जादू-टोना किया जा रहा है. जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है. इसी गुस्से में आज गांव के कुछ ग्रामीण मृतक के घर पहुंचे और महिलाओं और पुरुष की लाठी डंडे से पिटाई करने लगे.
आरोपियों ने पांचों को इतना पीटा कि मौके पर ही सभी ने दम तोड़ दिया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. घटना के बारे में थाना कोंटा में अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
मृतकों का नाम क्रमशः 1. मौसम कन्ना पिता लच्छा उम्र 60 साल, 2. मौसम बुच्चा पिता मौसम कन्ना उम्र 34 साल, 3. मौसम बिरी पति मौसम कन्ना, 4. करका लच्छी पति करका लच्छा उम्र 43 साल और  5. मौसम अरजो पति मौसम बुच्चा उम्र 32 साल सभी ग्राम एतकल थाना कोंटा जिला सुकमा के निवासी हैं. पीड़ितों में दो बहनें, एक भाई और एक छोटा बच्चा शामिल हैं..
गिरफ्तार आरोपियों में क्रमशः 1. सवलम राजेश 2. सवलम हिड़मा,3. कारम सत्यम 4. कुंजाम मुकेश 5. पोड़ियाम एंका सभी ग्राम एतकल थाना कोंटा जिला सुकमा के निवासी है.
इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को अंधविश्वास के खिलाफ व्यापक जन-जागरुकता अभियान चलाने की जरुरत है. ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता की कमी और अंधविश्वास की वजहसे निर्दोष लोगों की हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. जो न सिर्फ मानवाधिकारों का उल्लंघन है. बल्कि सामाजिक ताने-बाने के लिए भी एक गंभीर खतरा है.
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में जादू-टोना के शक की वजह से हिंसा की घटनाओं में वृद्धि चिंता का विषय है. पुलिस की ओर से त्वरित कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है. लेकिन जब तक समाज में व्याप्त अंधविश्वास और इसकी वजह से उत्पन्न हिंसक प्रवृत्तियों को खत्म नहीं किया जाता. तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी. सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर ऐसे अंधविश्वासों के खिलाफ लड़ने के लिए ठोस प्रयास करने की जरुरत है. ताकि भविष्य में इस प्रकार की हत्याएं रोकी जा सकें.
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