जन्माष्टमी पर्व पर देर रात बज रहे डीजे बंद कराने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर युवकों ने किया हमला, पेट्रोलिंग गाड़ी पर किया पथराव, वर्दी भी फाड़ी

Youths attacked the policemen who came to stop the DJ playing late night on Janmashtami festival pelted stones at the patrolling vehicle even tore their uniforms

जन्माष्टमी पर्व पर देर रात बज रहे डीजे बंद कराने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर युवकों ने किया हमला, पेट्रोलिंग गाड़ी पर किया पथराव, वर्दी भी फाड़ी

बिलासपुर/रतनपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है. जिले के रतनपुर में जन्माष्टमी पर्व पर देर रात डीजे बंद कराने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर युवकों ने हमला कर दिया और झूमाझटकी करते हुए उनकी वर्दी तक फाड़ दी. इस दौरान युवकों ने पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी पर पथराव भी कर दिया. वारदात के बाद तनाव की स्थिति बन गई. पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज कर 10 आरोपियों को हिरासत में लिया है. यह मामला रतनपुर थाना क्षेत्र के गांधीनगर का है.
मिली जानकारी के मुताबिक जन्माष्टमी पर सोमवार की रात रतनपुर में अलग-अलग जगहों पर युवकों की टोलियां मटकी फोड़ने निकली थी. इस दौरान तेज आवाज में डीजे की धुन पर युवक थिरकते हुए शहर भ्रमण कर रहे थे. अन्य समितियों ने मटकी फोड़ कार्यक्रम तय समय पर खत्म कर दी. लेकिन गांधी नगर में युवाओं की टोली देर रात तक तेज आवाज में डीजे बचाते हुए घूमते रहे.
देर रात थाने की पेट्रोलिंग टीम युवकों को डीजे बंद करने की समझाइश देने पहुंची. आरोप है कि इस दौरान युवक शराब के नशे में डीजे की धुन पर थिरक रहे थे और तेज आवाज में डीजे बजा रहे थे. मना करने पर उन्होंने पुलिसकर्मियों से हुज्जतबाजी करते हुए दुर्व्यवहार करना शुरु कर दिया. इस दौरान आरक्षक VIDEO बनाने लगा तो युवक उनके हाथ से मोबाइल छीनने लगे. जिसके बाद हंगामा मचाने लगे. फिर झूमाझटकी करते हुए आरक्षकों को घेर लिया और धक्कामुक्की करते हुए हाथापाई शुरु कर दी. इस दौरान युवकों ने उनका कॉलर पकड़ लिया और वर्दी तक फाड़ दी. 
पुलिस की गाड़ी में पथराव कर तोड़फोड़ भी कर दी. इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. इधर हंगामे की खबर पाकर पहुंची पुलिस की गाड़ी देखकर युवक इधर-उधर भागने लगे.  इस हमले में पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर मिलते ही SDOP नुपुर उपाध्याय देर रात रतनपुर थाने पहुंची. उन्होंने कोटा थाने से बल बुलाने के बाद अलग-अलग टीम गठित कर बदमाशों की तलाश शुरु कर दी है.
वही पुलिस ने बताया कि इस घटना में शुभम ठाकुर के साथ बड़ी तादाद में उसके दोस्त शामिल हैं. जिनकी तलाश की जा रही है. यह भी बताया जा रहा है कि ज्यादातर युवक शराब की नशे में थे. जिन्होंने पुलिसकर्मियों से गाली-गलौज के साथ हाथापाई भी हुई है. वही पुलिस ने घायल आरक्षक की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है.
पुलिस ने मौके से दो युवकों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ कर रही है. बिलासपुर एएसपी अर्चना झा ने बताया, इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. घटना की जांच की जा रही है.
रतनपुर टीआई ने बताया कि यह गंभीर मामला है और इसमें किसी तरह की कोई भी लापरवाही नहीं बरती जा रही है. संदेहियों को पकड़कर पूछताछ किया जा रहा है और CCTV से भी आरोपियों की तलाश की जा रही है.
रतनपुर को धार्मिक स्थल के साथ ही पर्यटन स्थल की नजर से भी देखा जाता है. लेकिन कुछ असामाजिक तत्व के लोग इस माहौल को ख़राब करने में लगे हुए है. जिसके कारण आपसी विवाद या रतनपुर का माहौल बेवजह ख़राब हो रहा है.
यह घटना न सिर्फ कानून के प्रति असम्मान दिखाती है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने के लिए भी खतरा पैदा करती है. यह घटना पुलिस और समाज के बीच भरोसे की कमी का प्रतीक बनती जा रही है. जो भविष्य में ऐसे मामलों में गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकती है.
इस तरह की घटनाएं पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करती हैं. साथ ही धार्मिक उत्सवों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने की उनकी चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी को भी उजागर करती हैं. समाज को यह समझने की जरुरत है कि कानून का पालन करना सभी का दायित्व है और पुलिस का काम जनहित में होता है. वहीं, पुलिस प्रशासन को भी संवेदनशीलता और कूटनीति से काम लेना चाहिए. ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.
रतनपुर की यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि धार्मिक उत्सवों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना न केवल पुलिस की जिम्मेदारी है. बल्कि समाज की भी सहभागिता जरुरी है. पुलिस और जनता के बीच सामंजस्य और विश्वास बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों को मिलकर काम करना होगा. ताकि भविष्य में इस तरह की अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके.
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